यजà¥à¤ž से परिवार में अकाल मृतà¥à¤¯à¥ नहीं होती
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Manmohan Kumar AryaDate
15-Oct-2016Category
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मेरी तà¥à¤²à¤¨à¤¾ कà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयानंद जी से मत करना कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह मेरे गà¥à¤°à¥ हैं
-वैदिक साधन आशà¥à¤°à¤® में शरदà¥à¤¤à¥à¤¸à¤µ का पà¥à¤°à¤¥à¤® दिवस-
‘यजà¥à¤ž से परिवार में अकाल मृतà¥à¤¯à¥ नहीं होती, दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾ दूर होती है, आयॠमें वृदà¥à¤§à¤¿ सहित यजà¥à¤žà¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ को परमातà¥à¤®à¤¾ हर कà¥à¤·à¤£ समà¥à¤à¤¾à¤²à¤¤à¤¾ है: डा. जयेनà¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯’
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯, देहरादून।
वैदिक साधन आशà¥à¤°à¤® तपोवन देहरादून आरà¥à¤¯à¤œà¤—त का वैदिक विधि से साधना का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– केनà¥à¤¦à¥à¤° है। यहां आशीष जी दरà¥à¤¶à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ निवास करते हैं और साधकों की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं व शंकाओं का समाधान करते हैं। आशà¥à¤°à¤® वरà¥à¤· में दो बार गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ तथा शरदà¥à¤¤à¥à¤¸à¤µ का आयोजन करता है। उतà¥à¤¸à¤µ के पà¥à¤°à¤¥à¤® दिवस आज 5 अकà¥à¤¤à¥‚तबर 2016 को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 5 बजे से योग à¤à¤µà¤‚ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ साधना का कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ साधकों à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को दिया गया। इसके बाद ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण यजà¥à¤ž हà¥à¤† जिसे चार यजà¥à¤ž वेदियों पर अनेक यजमानों ने मिलकर समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ किया। वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤šà¥à¤šà¤¾à¤° गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा देहरादून के दो बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ शà¥à¤°à¥€ ओमà¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ और सà¥à¤–देव जी ने किया। यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ पद पर आज आरà¥à¤¯à¤œà¤—त के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ डा. जयेनà¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯, नौà¤à¤¡à¤¾ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहे। यजà¥à¤ž के बाद सà¤à¥€ यजमानों को वैदिक रीति से आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया गया। इसके बाद तपोवन आशà¥à¤°à¤® के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में सà¤à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥à¤· व तपोवन विदà¥à¤¯à¤¾ निकेतन विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ खड़े होकर आशà¥à¤°à¤® के संरकà¥à¤·à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आशà¥à¤°à¤® के मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ शरà¥à¤®à¤¾ व नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के सहयोग से ओ३मॠघà¥à¤µà¤œ का आरोहण किया। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के वेदमंतà¥à¤° व उसके हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦ का गायन à¤à¥€ किया। तपोवन विदà¥à¤¯à¤¾ निकेतन की बालिकाओं ने धà¥à¤µà¤œ गीत ‘जयति ओ३मॠधà¥à¤µà¤œ वà¥à¤¯à¥‹à¤® विहारी विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¥‡à¤® पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ अति पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€’ का सामूहिक गायन किया। इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपना संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया गया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि आप तपोवन में पधारें हैं यह तपोवन आशà¥à¤°à¤® का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संसार की पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वसà¥à¤¤à¥ परमातà¥à¤®à¤¾ का धà¥à¤µà¤œ है वा उस परमातà¥à¤®à¤¾ की सूचक है। हम सà¤à¥€ परमातà¥à¤®à¤¾ के बनायें हà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ हैं। हम सबको परमातà¥à¤®à¤¾ के बनायें हà¥à¤ नियमों पर चलना चाहिये। आशà¥à¤°à¤® के à¤à¥€ अपने कà¥à¤› नियम हैं। मà¥à¤à¥‡ आशा है कि आप यहां रहते हà¥à¤ आशà¥à¤°à¤® के नियमों का पालन करंेगे। इसके लिठमैं आपको आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ देता हूं। आप सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥, सà¥à¤–ी व समृदà¥à¤§ हों। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी के बाद आशà¥à¤°à¤® के मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ शरà¥à¤®à¤¾ ने आशà¥à¤°à¤® में आये धरà¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को कहा कि आप आशà¥à¤°à¤® को अपना निजी आशà¥à¤°à¤® समठकर सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आशà¥à¤°à¤® के अधूरे कारà¥à¤¯à¥‹ को पूरà¥à¤£ करने के लिठमà¥à¤•à¥à¤¤ हसà¥à¤¤ से दान देने की à¤à¥€ अपील की। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® संचालक शैलेश मà¥à¤¨à¤¿ ने कहा कि हम व आप यहां साधना करने आये हैं। आप यहां तप करें तो इससे निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ होगी।
धà¥à¤µà¤¾à¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के बाद सà¤à¥€ धरà¥à¤® पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤°à¤¾à¤¶ किया। 10 बजे आरमà¥à¤ हà¥à¤ सतà¥à¤° में पà¥à¤°à¤¥à¤® आशà¥à¤°à¤® में पहली बार पधारे आरà¥à¤¯ à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• शà¥à¤°à¥€ कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª आरà¥à¤¯ ने à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पहला à¤à¤œà¤¨ ‘दाता तेरे सà¥à¤®à¤¿à¤°à¤¨ का वरदान जो मिल जाये, मà¥à¤°à¤à¤¾à¤ˆ कलि दिल की à¤à¤• आन में खिल जाये।।’ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। आपका दूसरा à¤à¤œà¤¨ था “जब उस पà¥à¤°à¤à¥ का ये दिल जीवन दीवाना होता है, ये कोई शà¥à¤ करà¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ होता है।। आने को तो मौत वकà¥à¤¤ पर आती है लेकिन पहले कोई बहाना होता है।।” आपके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ तीसरे à¤à¤œà¤¨ की आरमà¥à¤à¤¿à¤• पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ थी ‘तेरे दर को छोड़ कर किस दर जांऊ मैं, सà¥à¤¨à¤¤à¤¾ मेरी कौन है किसे सà¥à¤¨à¤¾à¤Šà¤‚ मैं।।’ इसके अतिरिकà¥à¤¤ आपने राम चरित मानस की कà¥à¤› चैपाईयों को बहà¥à¤¤ ही ताल व लय के साथ मधà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤‚ में गाकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾ जिससे सà¤à¥€ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ से सराबोर हो गये। शà¥à¤°à¥€ कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª आरà¥à¤¯ के बाद कनà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, देहरादून की छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं ने à¤à¤• à¤à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जिसक बोल थे ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जब जड़ पूजा का घोर अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¤¾ छाया था। टंकारा का देव दयाननà¥à¤¦ तब सूरज बनकर आया था।।’
आशà¥à¤°à¤® के उतà¥à¤¸à¤µ में मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप में नौà¤à¤¡à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² से पधारे डा. सतà¥à¤¯à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯ ने अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ के आरमà¥à¤ में कहा ‘हे पà¥à¤°à¤à¥ हम तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ सदा दास हैं। à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ अमृत को पीने की ही पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ है। हम तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ छोड़ कर और चाहंे किसे, पतà¥à¤¤à¥‡ पतà¥à¤¤à¥‡ में तेरा ही होता आà¤à¤¾à¤¸ है। मैं à¤à¤Ÿà¤•à¤¤à¤¾ रहा à¤à¥‚ठी आशा लिठऔर जलाता रहा आरती के दिà¤à¥¤ पर मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤¯à¤¾ पता था मेरे देवता, तू तो आननà¥à¤¦à¤˜à¤¨ मेरे दिल में विराजमानॠहै।’ अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ के आरमà¥à¤ में आपने गीता के आधार पर कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ को यजà¥à¤ž, तप और दान को करना चाहिये, इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¤à¥€ छोड़ना नही चाहिये। आपने वेदों का à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ करने की योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ विषयक ऋषि दयाननà¥à¤¦ के विचारों को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। आपने कहा कि परमातà¥à¤®à¤¾ ने हमें हमारी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° सà¤à¥€ पौषà¥à¤Ÿà¤¿à¤• पदारà¥à¤¥ दिये हैं। आज हमारी जिनà¥à¤¦à¤—ी जितनी आसान है, इससे पहले कà¤à¥€ नहीं थी। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का परिषà¥à¤•à¤¾à¤° बहà¥à¤¤ हà¥à¤† है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि परमातà¥à¤®à¤¾ के बनाये सिसà¥à¤Ÿà¤® के बिना संसार का कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯ चावल का à¤à¤• दाना à¤à¥€ नहीं बना सकता। परमातà¥à¤®à¤¾ कृपालॠहै। उसकी कृपा से ही हमें अनà¥à¤¨ आदि पदारà¥à¤¥ मिलते हैं। न केवल मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठअपितॠसà¤à¥€ पशॠपकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ वह खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¨ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता है। परमातà¥à¤®à¤¾ हमारा रकà¥à¤·à¤• à¤à¥€ है। आपतà¥à¤¤à¤¿ में जहां कोई हमारी रकà¥à¤·à¤¾ नहीं कर सकता, वहां à¤à¥€ परमातà¥à¤®à¤¾ हमारी रकà¥à¤·à¤¾ करता है। इसका उदाहरण उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में अपने साथ घटी à¤à¤• दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर कहा जिसमें किसी की जान बच नही सकती परनà¥à¤¤à¥ आप उस गमà¥à¤à¥€à¤° दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में ईशà¥à¤µà¤° की कृपा से सकà¥à¤¶à¤² बच गये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जहां किसी का हाथ नहीं पहà¥à¤‚चता वहां ईशà¥à¤µà¤° का हमारी सहायता के लिठहाथ पहà¥à¤‚चता है। वह बोले ‘जाको राखे साईयां मार सके न कोय, बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय।’ परमातà¥à¤®à¤¾ रकà¥à¤·à¤• होने के साथ हमारे सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ वाला à¤à¥€ है और सबका पोषण करता है।
विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ डा. जयेनà¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯ ने कहा कि परमातà¥à¤®à¤¾ हमारी रकà¥à¤·à¤¾ तब करेगा जब हम पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¨ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°-यजà¥à¤ž करेंगे। जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जीवन में यजà¥à¤ž का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर देता है परमातà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ उसे à¤à¤• दिन छोड़ देता है। इसे विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ का विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ वाकà¥à¤¯ बताया। जो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ यजà¥à¤ž करता है उस पर परमातà¥à¤®à¤¾ की कृपा बरसती है। जो यजà¥à¤ž करता है परमातà¥à¤®à¤¾ उसे अपना लेता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने धरà¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ सà¤à¥€ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को कहा कि आप अपनी आतà¥à¤®à¤¾ व चेतना को कमजोर न होने दो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लोग परमातà¥à¤®à¤¾ से मिलना चाहते हैं। इसके लिठवह अनेक खतरे उठाते हैं। à¤à¤¾à¤°à¥€ वà¥à¤¯à¤¯ à¤à¥€ करते हैं। दान करते हैं कि परमातà¥à¤®à¤¾ की कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाये। गोवरà¥à¤§à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जाकर 12 से 14 किमी. तक की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करते हैं। उनकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ होती है कि किसी न किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤—वान की कृपा उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाये। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि हम कà¤à¥€ न कà¤à¥€ अपने घरों में परमातà¥à¤®à¤¾ को बà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ चाहते हैं। à¤à¤—वान की कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठअपने जीवन को खतरों में à¤à¥€ डालते हैं। इसका उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• उदाहरण सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि उनके à¤à¤• परिचित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अमरनाथ यातà¥à¤°à¤¾ से लौटे तो पूछने पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने साथ बीती घटना का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर बताया कि वह बाबा के नहीं मृतà¥à¤¯à¥ के दरà¥à¤¶à¤¨ करके आयें हैं। मारà¥à¤— में आये बरà¥à¤«à¤¾à¤¨à¥€ तूफान में वह मरने से बाल बाल बचे हैं। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि परमातà¥à¤®à¤¾ की कृपा हमें यजà¥à¤ž करने से मिल जाती है, इधर उधर à¤à¤Ÿà¤•à¤¨à¥‡ से परमातà¥à¤®à¤¾ की कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं होती। वैदिक साधन आशà¥à¤°à¤® तपोवन के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨ कà¥à¤®à¤¾à¤° अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€ जी का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि वह हर समय यजà¥à¤žà¥‹à¤‚ व आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में लगे रहते हैं। अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€ जी ने जीवन में 100 से अधिक बार वेद पारायण यजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कराया है। (हमारी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ मे शायद वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में यह à¤à¤• विशà¥à¤µ रिकारà¥à¤¡ हो-मनमोहन आरà¥à¤¯)। वकà¥à¤¤à¤¾ महोदय ने उनसे पूछा की आपका बिजीनेस कैसे चलता है? उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि वह तो यजà¥à¤ž करते हैं। उनका काम तो परमातà¥à¤®à¤¾ करता है। अब उनके पास धन पहले से अधिक है। (नोट-आज हमें शà¥à¤°à¥€ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€ जी के निमंतà¥à¤°à¤£ पर उनकी तपोवन आशà¥à¤°à¤® की कà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ में पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤°à¤¾à¤¶ करने का अवसर मिला। वहां डा. जयेनà¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी और अनेक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ शà¥à¤°à¥€ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€ हमें अनेक दिवà¥à¤¯ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से यà¥à¤•à¥à¤¤ देव कोटि के मनà¥à¤·à¥à¤¯ लगते हैं। उनमें विनमà¥à¤°à¤¤à¤¾, सरलता और दान का गà¥à¤£ विशेष हंै-मनमोहन)।
सरल, सरस à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ वाणी के धनी विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ डा. जयेनà¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯ ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ होकर à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दिन यजà¥à¤ž करते थे। à¤à¤• बार किसी ने उनकी तà¥à¤²à¤¨à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी से कर दी तो सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने उसका विरोध करते हà¥à¤ उससे कहा कि मेरी तà¥à¤²à¤¨à¤¾ कà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयानंद जी से मत करना कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह मेरे गà¥à¤°à¥ हैं और समाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ योगी हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मैं तो ऋषि दयाननà¥à¤¦ के चरणों की कृपा से खिला हà¥à¤† à¤à¤• छोटा सा फूल हूं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी ने यह à¤à¥€ कहा कि मेरी यजà¥à¤ž में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ है। जब तक शà¥à¤µà¤¾à¤‚स चलती है तब तक मेरे जीवन में यजà¥à¤ž चलता रहेगा। आगे यजà¥à¤ž के महतà¥à¤µ के विषय में वकà¥à¤¤à¤¾ महोदय ने कहा कि यजà¥à¤ž करने से वायॠशà¥à¤¦à¥à¤§ होती है तो यह à¤à¥€ कोई छोटी बात नहीं है। वायॠको शà¥à¤¦à¥à¤§ करने वाला पृथिवी पर यजà¥à¤ž करने से शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ तरीका और कोई नहीं है और न अà¤à¥€ तक इसके लिठकोई वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• खोज ही की जा सकी है। उनà¥à¤¹à¥‹à¥‡à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° परम पिता परमातà¥à¤®à¤¾ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ सबको पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ सà¥à¤¬à¤¹ उठकर हाथ जोड़कर करना चाहिये। परमातà¥à¤®à¤¾ की यजà¥à¤ž रूपी सामथà¥à¤°à¥à¤¯ से ही चारों वेदों की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ हà¥à¤ˆ है। यदि आप परमातà¥à¤®à¤¾ की कृपा चाहते हैं तो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ यजà¥à¤ž करने का संकलà¥à¤ª करें। जो यजà¥à¤ž को अपनाता है परमातà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ उसी को अपनाता है। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के à¤à¤•à¥à¤¤ व मितà¥à¤° सैयद अहमद खां का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾ जिसमें सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने दाल में छौंक का उदाहरण देकर कहा था कि थोड़ी मातà¥à¤°à¤¾ में गोधृत से यजà¥à¤ž करने से वृहत वायà¥à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² शà¥à¤¦à¥à¤§ होता है। डा. जयेनà¥à¤¦à¥à¤° जी ने कहा कि यजà¥à¤ž से परिवार में अकाल मृतà¥à¤¯à¥ नहीं होती। यजà¥à¤ž से परिवार की दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾ दूर होती है। यजमान की आयॠमें वृदà¥à¤§à¤¿ होती है। यजà¥à¤ž करने वाले मनà¥à¤·à¥à¤¯ को परमातà¥à¤®à¤¾ हर कà¥à¤·à¤£ समà¥à¤à¤¾à¤²à¤¤à¤¾ है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के संचालक शà¥à¤°à¥€ शैलेश मà¥à¤¨à¤¿ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जी ने शà¥à¤°à¥€ सतà¥à¤¯à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯ जी का मधà¥à¤° व पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ के लिठधनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया और शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤ कराकर आयोजन के समापन की घोषणा की।
अपरानà¥à¤¹ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® 3.30 बजे ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण यजà¥à¤ž से आरमà¥à¤ हà¥à¤†à¥¤ यजà¥à¤ž के मधà¥à¤¯ में यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ डा. जयेनà¥à¤¦à¥à¤° आचारà¥à¤¯ ने मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ व यजà¥à¤ž विषयक अनेक बातों पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला। यजà¥à¤ž के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª आरà¥à¤¯ के मनोरम व मधà¥à¤° à¤à¤œà¤¨ हà¥à¤à¥¤ रातà¥à¤°à¤¿ को à¤à¥€ à¤à¤œà¤¨ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ का आयोजन समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤† जिसका समाचार हम अलग से तैयार कर कà¥à¤› समय के अनà¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करेंगे।
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
पताः 196 चà¥à¤•à¥à¤–ूवाला-2
देहरादून-248001
फोनः09412985121
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